HINDI - brother FUCKED ME

मेरा नाम मनीषा है और मैं दिल्ली में रहती हूं अपने पति संजय के साथ। मेरी कहानी बहुत ही अजीब है पर है सच्ची।

बात तीन साल पहले की है, तब मैं अट्ठारह साल की थी। मैंने बंगलौर में स्नातिकी की शिक्षा लेना बस शुरू ही किया था। मेरे ताऊ का एक लड़का था जिसका नाम संजय है। वैसे मेरे खानदान में पापा तीन भाई हैं और अगली पीढ़ी में मैं सबसे छोटी हूं।

हम कुल आठ भाई बहिन हैं और संजय भइया दूसरे नम्बर पर और मैं आखरी। मेरा कद ५’२" है और काफी खूबसूरत भी और शायद मैं वाकई में हूँ भी। वैसे मेरी दो कजन बहनें भी काफी खूबसूरत हैं। पर मैं अपनी ही धुन में रहती थी। मेरा फिगर ३४ -२४ -३४ है। हम भाई बहिन आपस में काफी घुले मिले हैं इसलिए अक्सर चुहल बजी चलती थी। कभी कभी तो ये भी आपस में बातें होती थी कि यार तुम आजकल बहुत सेक्सी हो गई हो या हो गए हो। संजय भइया करीब २५ साल के थे उस वक्त। उनकी हाईट काफी थी ५’१०" और उनका व्यक्तित्व भी काफी अच्छा था। कभी कभी लगता कि वो मुझे या मेरी एक और कजन के बदन को निहारते हैं, पर मैंने कभी उतना ध्यान नहीं दिया। वैसे मुझे वो अच्छे तो लगते थे पर मैंने उस तरह कभी सोचा नहीं।

भैया दिल्ली में नौकरी करते थे और उनका टूर लगता रहता था। एक बार उनका टूर बंगलौर का लगा और वो मुझसे मिलने मेरे कालेज़ आ गए। मैं भी खुश हो गई कि चलो कोई घर से मुझसे मिलने आया तो. वो मेरे हॉस्टल आ गए और हम दोनों गले मिले प्यार से और उन्होंने मुझे गाल पर एक हलकी सी पप्पी दी तो मेरे बदन में सिहरन सी दौड़ गई. मुझे अच्छा लगा पर दूसरे सेंस में नहीं. वो मेरे दोस्तों से मिले और ये कह कर चले गए कि शाम को आऊंगा मिलने. मैं भी खुश थी कि भइया आए तो सही.

भइया शाम को ५ बजे आ गए और कहा कि चलो ३-४ दिन मेरे साथ रहो कंपनी के होटल में और घूमना मजे करना। मैं भी चहक उठी और वैसे भी उन दिनों छुट्टियाँ थी ५ -६ दिनों की तो मैं तैयार हो गई और १ -२ ड्रेस ले कर जैसे ही चलने लगी तो उन्होंने कहा कि मैं खरीद दूँगा तो मैं और खुशी से झूम उठी. हम दोनों उनके ऑफिस की कार से उनके होटल में गए. हम लोगों ने कुछ खाया पिया और घूमने चले गए और रात में ९ बजे के करीब होटल लौटे. मैं काफी थक गई थी इसलिए बिस्तर पर आ कर धम से पसर गई. मैंने उस वक्त टाइट जींस और टॉप पहना हुआ था और इस वजह से मेरे टाइट हाफ सर्कल बूब्स तने हुए थे. वैसे भी मेरे बूब्स काफी टाइट थे.

भइया आए और सीधे बाथरूम में घुस गए और फिर निकल कर आते ही मेरे बगल में वो भी धम से लेट गए। ५ मिनट बाद भइया ने मेरी तरफ़ करवट ली और बोले “क्या बात है बहुत सेक्सी और सुंदर लग रही हो,” और ये कहते हुए उन्होंने मेरे माथे पर किस किया और उनका एक हाथ ठीक मेरी नाभि के ऊपर था. मैं भी मुस्कुरा दी. मैंने अभी तक भइया को कभी उस तरह से नहीं देखा था.

मैंने कहा,“यह तो सब बोलते रहते हैं।”

उन्होंने कहा “अरे सच्ची ! वाकई में तुम बहुत कमाल की लग रही हो।”

मैं शरमाते हुए भइया से लिपट गई. भइया ने मुझे तब अपनी बाँहों में भर लिया और अपने सीने से चिपका लिया. उस वक्त मेरे बूब्स भिंचे हुए थे.

मेरे पूरे बदन में सिहरन दौड़ गई जब भइया ने प्यार से भींच कर मेरी गर्दन पर किस किया. फिर मैं उठ कर बाथरूम में चली गई नहाने. पर नहाने के बीच में याद आया कि मैंने नाईटी नहीं ली है तो मैंने भइया को आवाज़ दी कि भइया कोई दूसरा तौलिया दे दीजिये.

बाथरूम में शटर लगा हुआ था शावर केबिन में और कोई लाक नहीं था। बस अलग अलग केबिन थे, इसलिए भैया अन्दर आ गए। मैंने शटर ज़रा सा सरका कर तौलिया ले लिया। मैंने ध्यान नहीं दिया पर शायद वो भी तौलिया लपेटे थे क्योंकि उन्होंने भी नहाना था। वो शीशे के सामने अपना चेहरा धोने लगे। मैं शटर से जैसे ही बाहर निकली और वो जैसे ही मुड़े तो हम दोनों टकरा गए और मेरा तौलिया खुल गया। मैं घबरा गई और तुरन्त अपने दोनों हाथ अपने स्तनों पर रख लिए क्योंकि अब मैं पूरी तरह से नंगी थी। मेरा योनि-क्षेत्र पूरी तरह से बाल- रहित किया हुआ था। भैया ने मुझ पर ऊपर से नीचे तक नज़र डाली, उनके तौलिये के अन्दर भी कुछ उभार सा आ रहा था, पर उस वक्त मैं समझ नहीं पाई. मेरी आंखों में आँसू थे। भैया ने तुरन्त तौलिया उठाया। यह सब इतनी जल्दी हुआ कि कुछ समझने क मौका ही नहीं मिला। मैं भी सन्न चुपचाप सर झुकाए खड़ी थी। भैया ने तौलिया मेरे कन्धे पर डाला और मुझे अपनी बाहों में भर लिया और मैं भी उनसे चिपक गई और रोने लगी। मैंने यह भी ध्यान नहीं दिया कि मैं अभी भी नंगी हूँ। मेरे बूब्स उनके सीने से चिपके हुए थे। उनका भी शायद तौलिया खुल चुका था और उनका औज़ार यानि लिंग करीब ८-९" लम्बा और २" मोटा मेरी कुँवारी योनि पर टिका हुआ था। पर उस वक्त मेरा इन सब बातों पर ध्यान ही नहीं गया। भैया मुझे चुप कराते हुए बोले।" अरे पगली मनु !(प्यार से वो मुझे मनु कहते हैं) सिर्फ़ मैं ही तो हूँ ! क्या हुआ?" ये कहते कहते उन्होंने मुझे अपनी बाहों में उठा लिया और कमरे में ले गये और बिजली बंद करके मद्धम रोशनी कर दी ताकि मेरी शर्म दूर हो जाए।

ये सब ३-४ मिनट में हो गया था। उन्होंने मुझे दीवार से सटा दिया और मेरे माथे को किस किया और कहा- चिन्ता मत करो। मैंने उन्हें चिपका लिया और उन्होंने मुझे। उनका लम्बा मोटा लिंग मेरी कुँवारी योनि पर रगड़ खा रहा था पर इस बात पर काफ़ी देर बाद मेरा ध्यान गया।

भैया ने मेरे चेहरे को अपने हाथों में के कर होठों को किस किया तो मेरे शरीर में बिजली सी दौड़ गई। मैंने कहा- भैया! यह सब ठीक नहीं है। मैं यह कहना चाहती थी कि भैया मुझे होठों पर किस करने लगे । फ़िर रुक कर मेरे बालों को हटा कर मेरी गरदन पर किस किया तो मैं उनसे कस कर लिपट गई। वो फ़िर मुझे बिस्तर पर ले गए और लिटा कर मेरे ऊपर लेट गए। हम दोनों के नंगे बदन एक दूसरे से कस कर चिपके हुए थे और हम दोनों एक दूसरे को किस कर रहे थे। वो मेरे होठों को और मेरी जीभ को चूस रहे थे, मैं अपने होश खोती जा रही थी।उनका लण्ड मेरी अनचुदी चूत पर रगड़ खा रहा था जिससे मैं पागल हुई जा रही थी।

फ़िर भैया मेरी एक चूची को जोर से दबाने लगे और दूसरी के निप्पल को चूसने लगे जिससे मैं और पगला गई। अचानक मैं ज़रा होश में आई तो कहा- भैया ये सब ठीक नहीं है, अगर किसी को पता चला तो मैं तो मर ही जाऊंगी। वो बोले- मनु जान ! क्या तुम मुझे ज़रा भी नहीं चाहती ! मैं तुम्हारे लिए इतने दिनों से तड़प रहा था और आज तुम्हें पूरी तरह से अपना बनाना चाहता हूँ।

मैंने कहा- भैया…ऽऽऽ… ! और मेरे आगे कुछ कहने से पहले उन्होंने अपने होठों को मेरे होठों पर रखा, फ़िर कहा- आज से मैं भैया नहीं, तुम्हारा पति और जान हूँ, अगर ज़रा भी तुम्हारे दिल में मेरे लिए कोई जगह है तो बोलो।

मैंने कहा- मैं आपको चाह्ती तो हूँ पर … !

मेरे आगे बोलने से पहले उन्होंने मेरे होठों पर उंगली रख दी और कहा- बस हम आज से पति-पत्नी हैं और आज हमारी सुहागरात है।

मैंने कहा- लोग क्या कहेंगे?

उन्होंने कहा- मैं किसी की परवाह नहीं करता और अब हम तुम पति-पत्नी बन कर एक दूसरे को सुखी रखेंगे ………. मैं तुम्हें प्यार करता हूँ मनु जान !

मैंने कहा- मैं भी तुम्हें प्यार करती हूँ ……. भैया !

भैया कहते ही उन्होंने मुझे कहा- आज से मैं तुम्हारा भाई नहीं पति हूँ और अब तुम मुझे कुछ और कहा करो!

मैंने कहा- क्या !

वो बोले- कुछ भी … जैसे जान या कुछ भी !

मैंने कहा- ठीक है भैया .. ओह सोरी … जान ……. आई लव यू !

हम दोनों बिस्तर पर एक दूसरे से कस के चिपके हुए थे। भैया ने फ़िर मुझे किस किया और मेरी जांघों के बीच में आ गए। मैंने अपनी टांगें उनके पैरों पर रख ली थी। उन्होंने अपने एक हाथ को मेरे सर के नीचे रख कर किस किया और दूसरे से मेरी अनचुदी कुँवारी चूत में उँगली की तो मेरे मुंह से सिसकारी सी निकली-आऽऽऽऽऽऽह !

भैया ने कहा- जान अपने पति के लण्ड को अपनी कुँवारी चूत पर रखना जरा !

मैंने कहा- क्या होगा जान …! कहते हुए उनके लण्ड को अपनी चूत पर रखा। हम दोनों अब एक दूसरे का साथ देने लगे थे। भैया पहले धीरे धीरे मेरे अन्दर अपना डालने लगे। मैं सिसकारी लेने लगी थी। एक इन्च जाते ही मुझे दर्द का अनुभव हुआ तो मैंने कहा- आऽऽऽऽह्ह्ह …… अब बस … जान, अब बस भी करो, दर्द हो रहा है …!

वो बोले- चिन्ता मत करो, आज सब कुछ होगा … दर्द, मज़ा और हमारी सुहागरात …… आऽऽह ! कहते हुए उन्होंने एक झटका दिया कस के आऽ…॥अऽऽऽऽअऽह्ह्हहहाऽआऽऽऽ। ऊईऽऽऽ माँ मर गई मैं ! प्लीज़ भैया अब निकाल लो अब और दर्द नहीं सहा जा रहा है ! मैं रोते हुए बोली।

उन्होंने कहा- भैया बोलोगी ? यह कहते हुए एक और झटका मारा, लण्ड शायद ५” अन्दर जा चुका था। मैंने कहा- सोरी जान ……. लेकिन बहुत दर्द हो रहा है !

वो बोले- जान चिन्ता मत कर, थोड़ी देर में सब सही हो जाएगा। वो फ़िर मेरे बूब्स चूसने लगे। थोड़ी देर में मुझे कुछ आराम मिला तो उन्होंने फ़िर ३-४ जोरदार झटके मारे तो मेरी हालत ही बिगड़ गई और चीख निकल गई- आऽऽऽऽऽऽऽऽऽह ……………… मर गई … … माँअऽऽऽऽऽ ……!

मेरी आंखों में आँसू थे। मैं उनसे चिपक गई और अपनी टांगों को उनकी कमर पर जकड़ लिया। वो मुझे किस करने लगे और हम दोनों एक दूसरे के मुंह में जीभ डाल कर चूमने लगे। थोड़ी देर में मैं सामान्य होने लगी। तब भैया ने मेरे बूब्स को पकड़ा और अपने लण्ड को अन्दर बाहर करने लगे। मुझे तकलीफ़ हो रही थी पर थोड़ा मज़ा भी था कुछ अलग तरह का- आऽऽऽऽह्ह्ह. ……. जान …….. आऽऽऽऽऽह्ह्ह्हाअ …… आज पूरी तरह से अपनी बना लो जानऽऽऽ … आऽऽऽअऽऽऽह्ह मैंने कहा तो भैया ने भी कहा- ओहऽऽ … जान …!. कमरे में हमारी आवाज़ें गूंज़ रही थी। मेरी सिसकारियाँ ज्यादा ही थी क्योंकि उनका ८ -९ इन्च लम्बा लण्ड मुझसे झेला नहीं जा रहा था। ५ मिनट तक वो मुझे लगातार रौंदते रहे, फ़िर मैं चीखी-जान आऽऽऽऽअऽऽआऽऽह्ह मुझे कुछ हो रहा है, पता नही क्या हो रहा है, मज़ाऽऽ आ रहा है आऽअ॥अऽ॥आऽऽऽह !

“ओऽऽह जान तू चरम पर है और मै भी ऽऽऽ जान ! मैं गया ऽऽ मेरा झड़ रहा है अआ ……..” उन्होंने लगातार ६-७ झटके मारे और हम दोनो एक साथ आनन्द के शिखर तक पहुँच गए।

भैया मेरे ऊपर ही पसर गए और हम दोनों ने एक दूसरे को अपनी बाहों में जकड़ लिया। कमरे में ए सी चल रहा था पर हम दोनों पसीने से लथपथ एक दूसरे से लिपटे हुए किस कर रहे थे। थोड़ी देर बाद हम अलग हुए और स्नानघर में जाने लगे तो देखा बिस्तर खून से भरा हुआ था। मैं घबरा गई और बोली,“ ये क्या …… अब क्या होगा?”

भैया बोले,“ इसमें डर कुछ नहीं, पहले पहले यही होता है”

मेरी कमर में दर्द होने लगा था। हम दोनों बाथरूम में एक साथ नहाने गए तो एक दूसरे को साबुन लगा कर नहलाया। मेरी चूत अब कुँवारी नहीं रही थी। भैया ने रगड़ कर मेरी चूत को धोया और मैंने उनके लण्ड को, जिससे हम दोनों गर्म हो गए। मैं थोड़ा शरमाई पर काफ़ी झिझक निकल चुकी थी। हम दोनों फ़व्वारे के नीचे खड़े थे। भैया नीचे बैठे तो मैंने कहा,“ये क्या करने जा रहे हो जान !”

“मैं तो अपने होठों की मुहर लगाने जा रहा हूँ …… और अब तुम भी लगाना”

वो मेरी चूत में उँगली करने लगे थे और जीभ भी फ़िराने लगे। मैं पागल हो उठी। मैं अपने एक स्तन को मसलने लगी और भैया हाथ बढ़ा कर दूसरे को। भैया मेरी हालत समझ गए और फ़र्श पर ही लिटा लिया। मेरी चूत में उनकी जीभ तैर रही थी और मेरे हाथ उनके सर को पकड़ कर मेरी चूत को दबा रहे थे। मैं अपने होठों को काट रही थी और लम्बी लम्बी सिसकारियाँ ले रही थी। मेरी टांगें उनकी गरदन में लिपट गई थी।

फ़िर वो मेरे ऊपर आ गए और मैंने अपनी टांगें उनकी कमर पे लपेट ली। मेरे दोनों हाथ उनकी गरदन में लिपट गए। उन्होंने फ़िर जोर का झटका मारा तो आऽऽऽह्हऽऽआ …॥अ…अह्…… जैसे मेरी जान ही निकल गई। फ़िर भैया मेरे बूब्स को दबाते और झटके मारते जाते। वो वहशी होते चले गए, मेरे बूब्स को निर्दयता से मसल रहे थे और दांतों से काट रहे थे, मेरी गरदन पर भी प्यार से काटा। वो जहाँ जहाँ अपने दाँत गड़ाते वहाँ खून सा जम जाता। मैं भी पागल हो जाती तो बदले में अपने नाखून उनकी पीठ में गड़ा देती और उनकी गरदन पर काट लेती। जंगलीपने से बाथरूम में मेरी प्यार भरी चीखें गूंज रही थी, जिससे भैया का जोश बढ़ता ही जा रहा था। यह सिलसिला आधे घण्टे तक चला और उतनी देर में मैं दो बार झड़ चुकी थी और भैया रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे। फ़िर जब हम शांत हुए तो मैं तीसरी बार झड़ी थी। हम फ़्रेश हो कर कमरे में चले गए और थोड़ा आराम करके खाना खाया। फ़िर हम नंगे ही एक दूसरे से लिपट कर बातें करने लगे।

मैंने कहा,“भैया … ओह सोरी … जान, अब मेरा क्या होगा, मैं क्या करूँ और अब आगे का क्या प्लान है, मेरा मतलब भविष्य का, क्योंकि अब मुझे घबराहट हो रही है, मैं आपके बिना नहीं रह सकती।” वो बोले “चिंता मत करो जान मैं भी तुमसे बहुत प्यार करता हूँ, हम दोनों दिल्ली जा कर शादी कर लेंगे पर अभी किसी को नहीं बताएँगे.” मैंने कहा “ठीक है जान, चलिए अब सो जाते हैं क्योंकि कल आपको ऑफिस भी जाना है” वो बोले “चिंता क्यों करती हो जान, मैं तुम्हें तड़पता नहीं छोड़ सकता। आज ही हम एक हुए और क्या तुम मुझे तड़पता छोड़ दोगी जान?” मैंने कहा “नहीं जान …….. प्लीज़ ऐसा मत बोलो। आज हम नहीं सोयेंगे। आज हम एक दूसरे को पूरा सुख देंगे। आप मेरे साथ जी भर कर और जम कर करो और अपनी बीवी को रौंद डालो जान.” फिर भइया ने मुझे रात में तीन बार और जम कर चोदा और वो भी आधे आधे घंटे तक। और तब तक मैं बेहोशी की हालत में आ चुकी थी। हम दोनों नंगे ही चिपक कर सो गए। सुबह जब मैं उठी तो भइया ऑफिस चले गए थे और फिर १० .३० बजे फ़ोन भी कर दिया कि मैं २-३ बजे तक आ जाऊँगा। मैं बहुत थकी हुई थी और मेरा बदन भी काफी दर्द कर रहा था खास कर से मेरी कमर। मैंने फ्रेश हो कर नाश्ता किया औरफिर सो गई। मैं सीधे ३ बजे के करीब उठी तो काफी ठीक महसूस भी कर रही थी और देखा कि भइया मेरे सर को अपनी गोद में लिए हुए थे।
تم النشر بواسطة imcumslut
منذ 13 سنوات
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wingcdrk
wingcdrk منذ 13 سنوات
keep on osting such lovely scripts, take care
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mann1981
mann1981 منذ 13 سنوات
nice hot n sexy,,,
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