बदतमीज़ी युक्त काव्य
बदतमीज़ का बदतमीज़ी युक्त काव्य
दुपट्टे के झरोखे से छुप-छुपकर दीदार करते हैं।
ऐ दिलरूबा! हम तुम्हारी चूचियों से बहुत प्यार करते हैं।।
अभी दो साल पहले ही ये टेनिस के बाल के बराबर थे,
अब तो वालीबाल को भी मात ये आकार करते हैं।
अपना आम मुझे खिलाओं ये खाने का मौसम भी है,
मेरे जीभ और दाँत बेसब्री से इंतज़ार करते हैं।
तुम भी रगड़वाने के लिए अक्सर बेताब रहती हो,
तुम्हारी आँखों से ये बात मालूम ऐ यार करते हैं।
कभी न कभी तुम अपना दुद्धु जरूर
पिलाओगी मुझे,
इस बात का एक-सौ-एक फीसदी एतबार करते हैं।
तुम्हारे गेंदो की याद में हम अपना बल्ला सहलाते हैं,
और छत पर इकसठ-बासठ बार-बार करते हैं।
मेरा 'वो' अपनी घाटियों के बीच दबा लो जी,
हम कई महीनों से तुमसे यही गुहार करते है।
कोई और होता तो जबरदस्ती चोद देता अब-तक,
लेकिन हम कभी जबरदस्ती नहीं सरकार करते हैं।
एक साल में बेहद बदतमीज़ हो गया यह 'बदतमीज़',
इंटरनेट को इस बात के लिए जिम्मेदार करते हैं।
दुपट्टे के झरोखे से छुप-छुपकर दीदार करते हैं।
ऐ दिलरूबा! हम तुम्हारी चूचियों से बहुत प्यार करते हैं।।
अभी दो साल पहले ही ये टेनिस के बाल के बराबर थे,
अब तो वालीबाल को भी मात ये आकार करते हैं।
अपना आम मुझे खिलाओं ये खाने का मौसम भी है,
मेरे जीभ और दाँत बेसब्री से इंतज़ार करते हैं।
तुम भी रगड़वाने के लिए अक्सर बेताब रहती हो,
तुम्हारी आँखों से ये बात मालूम ऐ यार करते हैं।
कभी न कभी तुम अपना दुद्धु जरूर
पिलाओगी मुझे,
इस बात का एक-सौ-एक फीसदी एतबार करते हैं।
तुम्हारे गेंदो की याद में हम अपना बल्ला सहलाते हैं,
और छत पर इकसठ-बासठ बार-बार करते हैं।
मेरा 'वो' अपनी घाटियों के बीच दबा लो जी,
हम कई महीनों से तुमसे यही गुहार करते है।
कोई और होता तो जबरदस्ती चोद देता अब-तक,
लेकिन हम कभी जबरदस्ती नहीं सरकार करते हैं।
एक साल में बेहद बदतमीज़ हो गया यह 'बदतमीज़',
इंटरनेट को इस बात के लिए जिम्मेदार करते हैं।
11 роки(-ів) тому