एक फौजी से मुलाक़ात

भ्राता श्री द्वारा भेजी गई कहानी पढ़ते हुए विडीओ बनाते आनंद के चलते मेरी एक लम्बे चौड़े औज़ार से गाँड़ चुदवाने की कल्पना से मेरे तनमन में आग सुलग रही थी। तभी एक आर्मी के ट्रेनिंग कोर्स में भाषण देने के लिए बंगलुरू जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
मेरे रहने की व्यवस्था ऑफिसर मेस मे आयोजकों ने कर रखी थी। एयरपोर्ट पर मुझे रिसीव करने एक सूबेदार जी गाड़ी लेकर मौजूद थे। उन्होने सलूट मारा और मेरा बैग गाड़ी मे रखा और ड्राईवर को चलने का आदेश देकर आगे वाली सीट पर बैठ गए। रास्ते भर उन्होने अपने सेंटर के बारे मे जानकारी दी और कठिन वातावरणों मे जवानों की पोस्टिंग के बारे गर्व से बताया। शाम को 7 बजे हम मेस मे पहुंचे और एक कमरे मे ठहर गए, उन्होने बताया वह कल मेरे वापस जाने तक हमारी देख रेख की ज़िम्मेदारी निभाने वाले हैं। मुझे सेना के जवानों के प्रति काफ़ी लगाव है, देश के प्रहरी जो हैं और मैंने उनके लिए काफ़ी रिसर्च भी किया है। ख़ासकर उनके हेल्थ बॉडी कंपोशीसन को लेकर। लेकिन इन सूबेदार जी की नजर मेरे नितंबों का जायजा ले रही है ऐसा लगते ही उनकी आंखो मे आंखे डालकर देखा, वह थोड़ा सकपकाए और बोले सर किसी चीज़ की जरूरत हो बता देना, और मेरा नंबर आप के पास है ही जिससे एयरपोर्ट पर मैंने फोन किया था। उसकी फौजी बॉडी को सोंच कर मेरी उसका गाँड़ लेने कि इच्छा होने लगी। उसके जाते ही मैंने लैपटॉप खोला और अगले दिन का प्रेजेंटेशन देखने लगा। तभी डोरबेल बजी और एक नवजवान फौजी चाय ले आया था और उसने बताया उसका नाम भास्कर राव है और वह मेरे प्रेजेंटेशन को कॉन्फ्रेंस हाल के पीसी में अपलोड करके आएगा। मैंने उसे पेन ड्राइव दी और फोंल्डर का नाम बता दिया, वह चला गया तो याद आया मेरी कुछ नग्न फोटो और कहानी का संग्रह भी उसी पेनड्राइव मे दूसरे फोंल्डर मे सेव हैं, अगर देख लिया तो.......और जब किस्मत बुलंद हो जाए तो संयोग भी बन ही जाता है।
भास्कर राव ने उस फोंल्डर को भी खोल कर देख लिया था और उसकी कामवासना जाग्रत होचुकी थी। संयोग से उस दिन उसकी नाइट ड्यूटि भी भी मेस में ही लगी थी। मैंने भी 8 बजे डिनर करके कमरे पर वापस आ कर वस्त्रों का त्याग कर दिया और यह सोंचा भी न था कि भास्कर कभी भी पेन ड्राइव वापस आ भी सकता है, क्योंकि क्लास दूसरे दिन थी । मैंने लैपटॉप पर अपना skype अकाउंट खोलकर नग्न वार्ता करने कि सोंची उससे पहिले मैंने वॉशरूम जाकर गाँड़ को वॉटर जेट से ऐसे साफ किया जैसे कि चुदने ही जा रहा हूँ। फिर अपने कुछ और फोटो खींचे उनको अपलोड किया क्योंकि बहुत से ऑनलाइन चहेतों से पता चला कि फोटो बैक ग्राउंड बदने की जरूरत है, बार बार ऑफिस फोटो देख कर नयापन नहीं आ रहा था। फिर एक गे मूवी क्लिप देखने लगा। तभी दरवाजे पर दस्तक हुई, और राव ने अंदर झाँकते हुये कहा, जै हिन्द सर। जै हिन्द के रिप्लाई के साथ मैंने वापस पलट कर देखा, फ़िर अपनी गलती का यहसास हुआ, दरवाजा तो बोल्ट ही नहीं किया था। सॉरी सर कहते हुये राव सकपया, लेकिन उसकी नजरें मेरी हसीन गाँड़ पर ही टिकी थीं। मैंने भी सिचुयेशन को देखते हुये कहा कोई बातनहीं, इससे उसकी हिम्मत बढ़ गई और बोला सर आप बहुत सेक्सी हो, मुझे लगरहा था कहीं तो देखा है आपको। यह रही आपकी पेन ड्राइव, आप ने अपनी पेन ड्राइव मे भी एक फोंल्डर रखा है बहुत बोल्ड हो आप। सर मेरी ड्यूटी यहीं पर है सेवा की जरूरत हो तो बिना संकोच बता देना। मैं अपने पहिले वाले ब्रिगडियर साब की खूब सेवा की है, बड़े बिंदास ऑफिसर थे।
मैंने कहा बड्डी तुम तो बड़े काम के हो, दरवाजा बंद कर लो। उसके तो मन की मुराद पूरी हो गई। बिना देर किए उसने दरवाजा बंद किया और नंगा होगया। मेरे मुह से वाउ निकाला क्योंकि मेरे सामने 18 x 3.5 सेमी का लंड मसकुलर बॉडी पर तना खड़ा था। मेरी गाँड़ उसकी ओर थी और उसने कार्पेट पर घुटनों पर बैठ कर अपने लंड की फोरस्किन को खींच लिया और उसका शिश्नमुंड मशरूम की तरह दिखने लगा और उसने पीछे से मुझे आलिंगन बद्ध कर बूब्स को पकड़ लिया। उसका एक दम टनटनाया लण्ड घुसने को बेताब हो रहा था। लेकिन मैंने पलट कर
उसके लंड को पकड़ कर चूसना प्रारम्भ कर दिया बिल्कुल सॉफ़्टी आइस क्रीम को चाटने वाले अन्दाज़ में। मुझे ओरल ख़ास पसंद नहीं है, फिर भी अपनी ज़बान से सॉफ़्ट और शिशनमुण्ड पर प्रीकम के खारे स्वाद को लेतेहुए , चूसना प्रारम्भ किया।प्रीकम का p H क्षारीय (10) होता है, चूत के ऐसिड (p H 3-4) को सामान्य (7 के पास) लाने के लिए, लेकिन गाँड़ में जलन कर सकता है, इस लिए चूसने से कड़ापन लाने के साथ साथ गीला करने में भी मदद मिलती है। लेकिन तभी मेरे लंड का तनाव इतना बढ़गया था कि मेरा काम रस निकले वाला था। मैं उसे छोड़ वॉशरूम मे बेसिन मे गिरा आया। इधर उसने हाथ से रगड़ना जारी रखा और मेरे आते ही मेरी हसीन गाँड़ कि ओर देखते हुये झटके मारने लगा। उसका करीब करीब 7-8 झटकों मे माल निकल गया
माल निकल जाने से थोड़ी देर के लिए उसका औज़ार कुछ सिथिल पड़ा लेकिन जवानी के असर से 10 मिनट में फिर से फनफना उठा। इसबीच वह मेरी गाँड़ और अपने लंड पर अच्छे से नारियल तेल और क्रीम का लेपन कर चुका था। मेरी गाँड़ भी उसे अपने में लेने को मचल रही थी, मैं नितम्ब उछाल रहा था। अब उसने मुझे पीठ के बल लिटा कर टाँगे ऊपर उठाकर अपने लण्ड का टोपा छेंद पर सेट कर एक धक्का दिया। लण्ड कसमसाता हुआ पूरा अंदर जा चुका था। मैं इसके लिए तैयार ही था और पहले के अनुभव से पता था मेरी गाँड़ लण्ड खाने में किसी चूत से कम नहीं। फिर जैसा पहिले बता चुका हूँ कि दो साल पहले एक मोटी टेस्ट ट्यूब फ़सने वाली दुर्घटना हुई थी का फ़ायदा भी हुआ था कि उसने 7 दिन तक लगातार बट्टप्लग से फैलाने वाली लचक प्रदान कर दी है, इससे 20-24 cm और 3.8 cm मोटा मुस्तंड लण्ड भी बिना ख़ून निकाले ऐडजस्ट हो जाता है। अब भास्कर ताबड़तोड़ धक्के मारे जा रहा था और मैं जन्नत की सैर कर रहा था, मेरे मुँह से वाह! गिव में मोर, वाउ, ओ ला ला, और ज़ोर से चोदो की आवाज़ें निकल रही थी। फिर भास्कर ने मेरे नितम्ब पकड़ कर मुझे डागी पोज़ में बनाया, मेरा लण्ड एक हाथ से रगड़ते हुए अपने लण्ड को मेरी गाँड़ में पेले रखा और बराबर धक्के लगाता रहा।
इस बार हल्के दर्द का पहले अहसास हुआ, फिर थोड़ी और क्रीम से अजस्ट्मेंट सही होगया और सटासट ऊ आ आ, वाउ, फ़नटास्टिक, फ़च, फ़च की आवाज़ें आने लगीं। इस तरह लगभग 10 min तक चूदाई की, इस बार उसका निकल नहीं रहा था क्योंकि ठीक थोड़ी देर पहले वह निकाल चुका था । आख़िर वह पल भी आ ही गया और उसका माल भी मेरी हसीन गाँड़ पी के निहाल होगई। इस सब के बीच मेरे लण्ड ने भी भी चरमोत्कर्ष की अनुभूति से माल टपकाया, जिसे तौलिए ने सोखा।
फिर हम दोनों ने एक साथ नहाया, एक दूसरे के बूबस और नितम्ब मर्दन किया। रात के 12 बजने वाले थे, वह कपड़े पहिन कर अपनी संतरी पोस्ट पर ड्यूटी देने खड़ा होगया। और मैं पूरी रात गहरी नींद मे नंगा सोया रहा। सबेरे थोड़ी ख़ुमारी सी थी जो चाय पी कर और नहा कर दूर हुई। यह बहुत मज़ेदार यादगार अनुभव रहा, आप सभी के लण्ड गीले करने में इस कहानी की भूमिका और प्रतिक्रिया का इंतज़ार रहेगा।
Published by nutrition2018
4 months ago
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