Fucking Girl Next Door (HINDI FONTs)
I fucked My GIRL NEXT DOOR
POET & Writer : Danny
एक लड़की को देखा तो ....
कहानी एक रात की
मामला है ये एक सेक्स भरी रात का
किस्सा है ये चुदाई की बात का
उस रात मेरे मनमे जाने क्या झमेला था
क्योंकि घरपे में एकदम अकेला था
अकेलेपन में तन्हाई के गीत बड़बड़ा रहा था
बिच-बिच में अपने लंड को हिला रहा था
किसी कन्या का ख्याल आते ही दिल बड़ा हो जाता था
मासूम लन्ड भी अपने आप खड़ा हो जाता था
लन्ड है तो बड़ा होगा ही
छोटा है तो बड़ा होगा ही
अचानक मुझे लगा कोई बुदबुदा रहा है
गंदे दिमाग ने सोचा कोई चुदवा रहा है
जब दरवाजा खोल के देखा तो वहां एक गोरी थी
चूतड़ -बोबे पर से लगता था अभी तक कोरी थी
मैंने उसको अपने घर के अंदर बुला लिया
ठंडी हवा के कारण कुण्डी भी लगा लिया
हाल-चाल से पता चला कि रास्ता भूल गई थी
उसकी हालत से मेरी हिम्मत भी खुल गयी थी
थोड़ी ना-नुकुर के बाद उसको बाहों में भर लिया था
शायद उसने भी चोदने का मन पक्का कर लिया था
अब वो मेरी बाहों में आके खुद शरमा रही थी
हमारी सांसों की गर्मी से गर्म हुए जा रही थी
मैंने धीरे से अपना हाथ उसके बड़े से मम्मों पे रख दिया
उसके मम्मों पे हाथ के लगने से सारा काम ही कर दिया
मेरा दूसरा हाथ उसकी चूत पे था
लेकिन ध्यान तो उसके सूट पे था
आखिर उसकी जवानी को आज सवारना था
इसलिए उसके सूट को भी तो उतारना ही था
मैंने उसकी कमीज उतार के मम्मों को दबाना शुरू किया
सलवार को भी अलग कर हल्के से शॉट लगाना शुरू किया
वो भी तड़प के आह-ऊह सी आहें भर रहीं थी
या यूं कहे की लड़की होने की सजा ले रही थी
मेरा लंड उसकी चूत के अंदर था
चुत का नजारा भी बेहद हसीन था
वोह कहते जा रही थी की: 'चूत-गाण्ड को चोद डालो'
'अपने लन्ड से मेरी प्यासी चूत में झण्डे गाड़ डालो'
मैं पूरे दम से उसकी चूत को चोदे जा रहा था
उसको उसकी चूत की गर्मी से सेंके जा रहा था
लन्ड की मार से चुत की ज़िल्ली फट गयी
लन्ड से निकला पानी तो वो संतुष्ठ हो गईं
थक के नंगी ही वो मुझसे लिपट के सो गयी
जब मेरी आंख खुली तो क्या नजर आया ?
दोनों हाथों से मेरे लंड को पकड़ लिया था
सुपाड़ा तो उसके होठों ने जकड़ लिया था
मेरे कुछ समझ आने से पहले लन्ड को कडा कर लिया
दूसरी बार की चुदाई के लिए, लंड को खड़ा कर लिया
चूत की चुदाई के बाद उसको तो गाण्ड भी मरवानि थी
सुहानी चुत की तरह उसकी गांड भी बहुत मस्तानी थी
छेद को फैला के उसने गांड में लंड मेरा दे डाला
ताव में आ के मैंने भी जोर से धक्का दे डाला
दर्द के मारे उसकी चीख जोरो से निकल गयी
चीख के कारण वो मुझे ज़ोरों से जिंजोड़ गयी
ताबडतोब मेरे लन्ड ने जब पानी छोड़ दिया
खूब चिकनाहट से हाथ मेरा तभी भर गया
चिकनाहट वाले हाथ ने मेरा सपना तोड़ दिया
गांड-चुत कुछ था ही नहीं बिस्तर गीला हो गया
-----
आपका प्यारा.
Danny,
Gujarat-INDIA
POET & Writer : Danny
एक लड़की को देखा तो ....
कहानी एक रात की
मामला है ये एक सेक्स भरी रात का
किस्सा है ये चुदाई की बात का
उस रात मेरे मनमे जाने क्या झमेला था
क्योंकि घरपे में एकदम अकेला था
अकेलेपन में तन्हाई के गीत बड़बड़ा रहा था
बिच-बिच में अपने लंड को हिला रहा था
किसी कन्या का ख्याल आते ही दिल बड़ा हो जाता था
मासूम लन्ड भी अपने आप खड़ा हो जाता था
लन्ड है तो बड़ा होगा ही
छोटा है तो बड़ा होगा ही
अचानक मुझे लगा कोई बुदबुदा रहा है
गंदे दिमाग ने सोचा कोई चुदवा रहा है
जब दरवाजा खोल के देखा तो वहां एक गोरी थी
चूतड़ -बोबे पर से लगता था अभी तक कोरी थी
मैंने उसको अपने घर के अंदर बुला लिया
ठंडी हवा के कारण कुण्डी भी लगा लिया
हाल-चाल से पता चला कि रास्ता भूल गई थी
उसकी हालत से मेरी हिम्मत भी खुल गयी थी
थोड़ी ना-नुकुर के बाद उसको बाहों में भर लिया था
शायद उसने भी चोदने का मन पक्का कर लिया था
अब वो मेरी बाहों में आके खुद शरमा रही थी
हमारी सांसों की गर्मी से गर्म हुए जा रही थी
मैंने धीरे से अपना हाथ उसके बड़े से मम्मों पे रख दिया
उसके मम्मों पे हाथ के लगने से सारा काम ही कर दिया
मेरा दूसरा हाथ उसकी चूत पे था
लेकिन ध्यान तो उसके सूट पे था
आखिर उसकी जवानी को आज सवारना था
इसलिए उसके सूट को भी तो उतारना ही था
मैंने उसकी कमीज उतार के मम्मों को दबाना शुरू किया
सलवार को भी अलग कर हल्के से शॉट लगाना शुरू किया
वो भी तड़प के आह-ऊह सी आहें भर रहीं थी
या यूं कहे की लड़की होने की सजा ले रही थी
मेरा लंड उसकी चूत के अंदर था
चुत का नजारा भी बेहद हसीन था
वोह कहते जा रही थी की: 'चूत-गाण्ड को चोद डालो'
'अपने लन्ड से मेरी प्यासी चूत में झण्डे गाड़ डालो'
मैं पूरे दम से उसकी चूत को चोदे जा रहा था
उसको उसकी चूत की गर्मी से सेंके जा रहा था
लन्ड की मार से चुत की ज़िल्ली फट गयी
लन्ड से निकला पानी तो वो संतुष्ठ हो गईं
थक के नंगी ही वो मुझसे लिपट के सो गयी
जब मेरी आंख खुली तो क्या नजर आया ?
दोनों हाथों से मेरे लंड को पकड़ लिया था
सुपाड़ा तो उसके होठों ने जकड़ लिया था
मेरे कुछ समझ आने से पहले लन्ड को कडा कर लिया
दूसरी बार की चुदाई के लिए, लंड को खड़ा कर लिया
चूत की चुदाई के बाद उसको तो गाण्ड भी मरवानि थी
सुहानी चुत की तरह उसकी गांड भी बहुत मस्तानी थी
छेद को फैला के उसने गांड में लंड मेरा दे डाला
ताव में आ के मैंने भी जोर से धक्का दे डाला
दर्द के मारे उसकी चीख जोरो से निकल गयी
चीख के कारण वो मुझे ज़ोरों से जिंजोड़ गयी
ताबडतोब मेरे लन्ड ने जब पानी छोड़ दिया
खूब चिकनाहट से हाथ मेरा तभी भर गया
चिकनाहट वाले हाथ ने मेरा सपना तोड़ दिया
गांड-चुत कुछ था ही नहीं बिस्तर गीला हो गया
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आपका प्यारा.
Danny,
Gujarat-INDIA
לפני 8 שנים